हेलो दोस्तों.. यदि आप बहुत कम व्यायाम करते हैं और आपका लक्ष्य बॉडीबिल्डर बनना नहीं है नहीं है, तो आपको किसी पूरक की आवश्यकता नहीं होगी। आप घर पर बने आहार से अपनी जरूरतें पूरी कर सकते हैं। ईस आर्टिकल में हम जानेंगे कि सप्लीमेंट्स को कबऔर क्यू लेना चाहिए ।
इसे जरूर पढ़ें: बिना Protein Powder और सप्लीमेंट्स ( Supplements ) के बॉडी कैसे बनाएं?
1) व्हे प्रोटीन –
व्हे प्रोटीन आपकी दैनिक प्रोटीन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए उपयोगी है। इसका उपयोग मांसपेशियों को बढ़ाने के लिए किया जाता है।
व्हे प्रोटीन के फायदे –
व्हे प्रोटीन मांसपेशियों की विकास और रिकवरी को बढ़ावा देता है।
उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन ब्रांच्ड-चेन अमीनो एसिड (बीसीएए) से भरपूर होता है, विशेष रूप से ल्यूसीन, जो मांसपेशी प्रोटीन संश्लेषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह इसे मांसपेशियों के निर्माण और रखरखाव के लिए अत्यधिक प्रभावी बनाता है।
वर्कआउट के बाद, व्हे प्रोटीन मांसपेशियों के मरम्मत ( recovery ) में मदद करता है और रिकवरी में तेजी लाता है, जिससे मांसपेशियों का दर्द और थकान कम हो जाती है।
2) क्रिएटिन –
यदि आप महीनों से वेट ट्रेनिंग कर रहे हैं और अपनी वेट ट्रेनिंग स्ट्रेंथ बढ़ाना चाहते हैं, तो क्रिएटिन इसमें आपकी मदद कर सकता है।
क्रिएटिन प्रोटीन के फायदे –
क्या जिम में बेहतर परफॉर्म करना इतना कठिन है?
खासतौर पर तब, जब आप हैवी वेट लिफ्टिंग भी करना चाहते हैं। लीन मसल्स पाना और हैवी वेट को लिफ्ट करना तभी संभव हो पाता है, जब शरीर में स्ट्रेंथ और प्रैक्टिस दोनों अच्छी हों। लेकिन जब बॉडी में उतनी स्ट्रेंथ ही न हो, तब क्या करना चाहिए?
ऐसी स्थिति में एक्सपर्ट्स और डॉक्टर्स की सलाह से सप्लीमेंट का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। ऐसा ही एक सप्लीमेंट क्रिएटिन मोनोहाइड्रेट भी हैं, जो लीन मसल्स और हेल्दी बॉडी फैट को बढ़ाने में मदद प्रदान करता है।
लेकिन, क्रिएटिन मोनोहाइड्रेट के फायदे, सर्विंग साइज और सेवन का सही तरीका क्या हैं, ये बात हर किसी को पता नहीं होती है। इस आर्टिकल में हम क्रिएटिन मोनोहाइड्रेट के सेवन से जुड़ी इन्हीं सावधानियों के बारे में जानेंगे।
3) प्री-वर्कआउट सप्लीमेंट –
इस सप्लीमेंट में कई ऐसे तत्व होते हैं जो शरीर को उत्तेजित करते हैं और रक्त प्रवाह को बढ़ाते हैं। ये आपको तुरंत ऊर्जा और सहनशक्ति बढ़ाने में मदद करते हैं। परंतु यह आवश्यकता केवल अडवान्स ट्रेनिंग में ही देखी जा सकती है। कम क्षमता पर व्यायाम करने वाले व्यक्तियों को इसकी आवश्यकता नहीं होती है। लंबे समय तक इसके इस्तेमाल से साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं।
प्री-वर्कआउट सप्लीमेंट के फायदे –
प्री-वर्कआउट सप्लीमेंट आपके शरीर की सहनशक्ति को बढ़ाने का काम करता है और इसकी वजह से एक्सरसाइज के दौरान आपका शरीर थकता नहीं है। इसमें मौजूद कैफीन और बीटा-अलैनिन शरीर को थकने नहीं देते हैं। मांसपेशियों में मौजूद एसिड को कम कर ये तत्व शरीर को थकने नहीं देते हैं।
प्री-वर्कआउट कब लें? क्योंकि कैफीन एक मुख्य घटक है और यह लगभग 30 मिनट में असर दिखाना शुरू कर देता है, इसलिए आपके लिए प्री-वर्कआउट सप्लीमेंट लेने का आदर्श समय आपके वर्कआउट से 30-60 मिनट पहले है।
4) विटामिन सप्लीमेंट-
ये सप्लीमेंट आपको विटामिन और खनिजों की कमी को पूरा करने में मदद करते हैं जो आपको अपने आहार से प्रचुर मात्रा में नहीं मिलते हैं। लेकिन इस सप्लीमेंट को लेने से पहले आपको यह जांचना होगा कि आपमें किस विटामिन की कमी है या मुझे कौन सा विटामिन कितने समय तक लेना चाहिए।
विटामिन के फायदे –
शोध से पता चलता है कि विटामिन बी ऊर्जा के लिए सबसे शक्तिशाली विटामिन है। अधिकांश शोध यह संकेत देते हैं कि विटामिन बी ऊर्जा के लिए सबसे शक्तिशाली विटामिन है । विटामिन बी के ऊर्जा बढ़ाने वाले गुण अक्सर विभिन्न ऊर्जा पेय पदार्थों में पाए जाते हैं और पूरक .
उपरोक्त किसी भी सप्लिमेंटस् को लेने से पहले, यह निर्धारित करने के लिए विशेषज्ञ या चिकित्सक से अनुमति लेना महत्वपूर्ण है कि आपको कितनी खुराक की आवश्यकता है। आज सप्लीमेंट बाजार में बहुत काला बाजार है, इसलिए इसे किसी विश्वसनीय व्यक्ति से या उन ब्रांडों की आधिकारिक वेबसाइट से खरीदना बेहतर होगा।